Tekst piosenki:
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला ना पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला ना पड़ जाए
मस्त मस्त आँखों से छलकाओ न मदिरा
मधुशाला में ताला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला ना पड़ जाए
तुम जो थक गई हो तो बाँहों में उठा लें
तुम जो थक गई हो तो बाँहों में उठा लें
हुक़्म दो हमें तो अभी पालकी ला दें
पंथ है पथरीला पैदल न चलो तुम
पंथ है पथरीला पैदल न चलो तुम
कहीं पाँव में छाला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला ना पड़ जाए
धूप हो या छाँव सजन मैं तो आऊँगी
धूप हो या छाँव सजन मैं तो आऊँगी
तुमसे मिलने आग पे भी चल के आऊँगी
एक पल भी तन्हा तुम्हें छोड़ूँ तो कैसे
एक पल भी तन्हा तुम्हें छोड़ूँ तो कैसे
किसी सौतन से पाला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला ना पड़ जाए
मस्त मस्त आँखों से छलकाओ न मदिरा
मधुशाला में ताला न पड़ जाए
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